- IndiGo की 1700+ फ्लाइट कैंसिल होने के बाद DGCA को FDTL नियमों में ढील देनी पड़ी
- पायलटों के 48 घंटे वीकली रेस्ट नियम को अस्थायी रूप से बदला गया
- हवाई किराए 6 से 10 गुना तक बढ़े, यात्री सबसे ज्यादा परेशान
- सरकार ने हाईलेवल जांच और 15 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का नाम आमतौर पर “समय पर उड़ान” के लिए लिया जाता था, लेकिन पिछले कुछ दिनों में हालात ऐसे बिगड़े कि वही इंडिगो चर्चा का केंद्र बन गई। IndiGo flight cancellation अचानक इतना बड़ा मुद्दा बन गया कि केंद्र सरकार तक को बैकफुट पर आना पड़ा।
पिछले चार से पांच दिनों में 1700 से ज्यादा उड़ानों के कैंसिल होने से हवाई यात्रा किसी मोड पर नहीं, बल्कि “स्टैंडबाय मोड” पर पहुंच गई। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, जयपुर, पुणे, हैदराबाद जैसे एयरपोर्ट पर यात्री अपने सूटकेस के साथ ऐसे बैठे दिखे, जैसे ट्रेन लेट होने पर प्लेटफॉर्म पर बैठ जाते हैं।
यह पूरा संकट शुरू हुआ DGCA के नए Flight Duty Time Limitation (FDTL) नियमों से, जिन्हें सुरक्षा के लिहाज से लागू किया गया था, लेकिन असर यात्रियों की जेब और मानसिक शांति पर पड़ा।
FDTL नियम आखिर हैं क्या, और क्यों बने विवाद की जड़
DGCA ने पायलट और क्रू मेंबर्स की थकान कम करने के लिए FDTL नियम दो चरणों में लागू किए।
पहला चरण 1 जुलाई को आया और दूसरा 1 नवंबर से लागू हुआ। दूसरे चरण के नियम ज्यादा सख्त थे, और यहीं से इंडिगो की परेशानी शुरू हुई।
नए FDTL नियमों की मुख्य बातें
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हर पायलट को हफ्ते में 48 घंटे का अनिवार्य वीकली रेस्ट
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छुट्टी और वीकली रेस्ट को अलग-अलग माना जाएगा
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लगातार नाइट ड्यूटी पर पाबंदी
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रोजाना फ्लाइट ड्यूटी 8 घंटे तक सीमित
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नाइट लैंडिंग की संख्या घटाई गई
कागज पर यह नियम बिल्कुल सही लगते हैं, लेकिन जमीन पर आते ही इंडिगो के शेड्यूल की हालत खराब होने लगी।
एक पायलट के उदाहरण से समझिए असली पेंच
मान लीजिए पायलट अमित ने सोमवार से गुरुवार तक उड़ान भरी।
उसने शुक्रवार और शनिवार को छुट्टी ली।
नए नियम के हिसाब से
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छुट्टी अलग मानी जाएगी
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48 घंटे का वीकली रेस्ट अलग से लेना होगा
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मतलब अमित रविवार और सोमवार भी उड़ान नहीं भर सकता
पुराने नियम के हिसाब से
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छुट्टी को वीकली रेस्ट में जोड़ सकते थे
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अमित रविवार से फिर काम कर सकता था
यहीं पर इंडिगो की “क्रू मैनेजमेंट एक्सेल शीट” पूरी तरह गड़बड़ा गई।
DGCA ने क्यों दी राहत, और किस हद तक
लगातार उड़ानें कैंसिल होने और यात्रियों के गुस्से को देखते हुए DGCA ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया।
DGCA की अस्थायी राहत (10 फरवरी 2026 तक)
| विषय | नया फैसला |
|---|---|
| वीकली रेस्ट | छुट्टी और वीकली रेस्ट जोड़े जा सकते हैं |
| नाइट ड्यूटी | पहले जैसी 6 नाइट फ्लाइट की अनुमति |
| असर | ज्यादा पायलट उपलब्ध होंगे |
DGCA ने साफ कहा कि यह स्थायी समाधान नहीं है, बल्कि सिस्टम को संभालने के लिए दी गई राहत है।
राहत से फायदा क्या, और डर किस बात का
राहत मिलने से इंडिगो को थोड़ी सांस जरूर मिली, लेकिन सवाल अभी भी कायम हैं।
फायदे
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पायलटों की उपलब्धता बढ़ेगी
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फ्लाइट शेड्यूल धीरे-धीरे नॉर्मल होगा
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अचानक कैंसिलेशन में कमी आएगी
डर
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क्रू को पूरा आराम नहीं मिलेगा
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थकान से उड़ान सुरक्षा पर सवाल
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वही पुराने जोखिम वापस आ सकते हैं
DGCA ने इसलिए हर 15 दिन में समीक्षा और सरप्राइज ऑडिट का ऐलान किया है।
एविएशन एक्सपर्ट का आरोप: “सोची-समझी रणनीति”
एविएशन एक्सपर्ट अनंत सेठी का बयान इंडस्ट्री में हलचल मचा गया।
उनका कहना है कि
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नियम अचानक लागू नहीं हुए थे
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इंडिगो के पास तैयारी का पूरा समय था
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65% मार्केट शेयर के कारण दबाव बनाने की क्षमता थी
मतलब साफ है—स्टाफ बढ़ाने की बजाय सिस्टम को “खींचकर चलाया गया”।
इंडिगो इतनी बुरी तरह क्यों फंसी
इंडिगो कोई छोटी एयरलाइन नहीं है।
इंडिगो की ताकत और कमजोरी (एक साथ)
| जानकारी | आंकड़ा |
|---|---|
| कुल विमान | 434 |
| रोजाना उड़ानें | 2300+ |
| घरेलू बाजार हिस्सेदारी | 60%+ |
| पायलट | 5456 |
| केबिन क्रू | 10212 |
| कुल कर्मचारी | 41,000+ |
इतनी बड़ी मशीनरी में अगर 10–15% गड़बड़ी आती है, तो असर पूरे सिस्टम पर दिखता है।
यात्रियों पर पड़ा सबसे भारी असर
यात्रियों के लिए यह संकट किसी ट्रैवल हॉरर स्टोरी से कम नहीं रहा।
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24-24 घंटे एयरपोर्ट पर इंतजार
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सामान तक समय पर नहीं मिला
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होटल, खाना, जानकारी—सब अधूरा
दिल्ली एयरपोर्ट पर सूटकेस ऐसे फर्श पर पड़े थे, जैसे किसी परीक्षा के बाद छात्र बैग छोड़कर निकल गए हों।
शहर-शहर हालात की तस्वीर
दिल्ली
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225 फ्लाइट्स कैंसिल
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रात 12 बजे तक सभी घरेलू उड़ानें रद्द
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यात्री फर्श पर बैठे इंतजार करते रहे
राजस्थान
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जयपुर, जोधपुर, उदयपुर में 45+ उड़ानें रद्द
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जयपुर–मुंबई रूट पर किराया 6 गुना बढ़ा
महाराष्ट्र
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मुंबई से 104 और पुणे से 31 उड़ानें कैंसिल
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लंबी लाइन और भारी भीड़
बेंगलुरु और हैदराबाद
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बेंगलुरु में 102 फ्लाइट्स रद्द
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हैदराबाद में 32 उड़ानें प्रभावित
फ्लाइट कैंसिलेशन का साइड इफेक्ट: किराया आसमान पर
जहां इंडिगो नहीं, वहां बाकी एयरलाइंस ने मौका नहीं छोड़ा।
दिल्ली-बेंगलुरु किराया
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नॉर्मल: 6–8 हजार
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संकट के दौरान: 40,000 से 80,000 रुपए
मुंबई, पुणे, चेन्नई जैसे रूट पर भी हाल यही रहा।
यात्रियों का कहना है कि फ्लाइट कैंसिल हुई, जेब भी उड़ गई।
रेलवे को क्यों उतारनी पड़ी स्पेशल ट्रेनें
हवाई सफर धड़ाम होने पर रेलवे ने मोर्चा संभाला।
3 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं
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दिल्ली–साबरमती
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दुर्गापुरा–बांद्रा
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हिसार–खड़की
रेलवे अधिकारियों ने माना कि अचानक भीड़ कई गुना बढ़ गई थी।
सरकार और मंत्री का रुख
नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने नाराजगी साफ दिखाई।
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कहा—इतनी तैयारी के बावजूद हालात क्यों बिगड़े
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किराया बढ़ाने पर सख्त चेतावनी
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यात्रियों को होटल और खाना देने के निर्देश
साथ ही एक हाई-लेवल जांच कमेटी भी बनाई गई।
इंडिगो का पक्ष क्या है
इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स ने माफी मांगी और कहा:
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पूरा सिस्टम रिबूट हो रहा है
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हालात 10–15 दिसंबर तक सुधरेंगे
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बड़ी संख्या में A320 पायलटों की भर्ती की जाएगी
मतलब साफ है—अब “फायर फाइटिंग” मोड चल रहा है।
महिला यात्री की कहानी जिसने सबको चुप करा दिया
जयपुर एयरपोर्ट पर एक महिला यात्री काउंटर के सामने फूट-फूटकर रो पड़ी।
पति के निधन के बाद अजमेर दरगाह आई थीं।
मंगलुरु लौटना था, लेकिन दो दिन से फ्लाइट कैंसिल।
उनके शब्दों में—
“परेशानी से ज्यादा ठंड मार रही है।”
यह संकट सिर्फ आंकड़ों का नहीं, लोगों की जिंदगियों का भी है।
आगे क्या होगा: राहत या फिर नया संकट?
DGCA ने संकेत दिए हैं कि
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हर 15 दिन में रिपोर्ट
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सुरक्षा से समझौता दिखा तो राहत खत्म
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रोस्टर और ट्रेनिंग पर कड़ी नजर
इंडिगो को अब कर्मचारियों में निवेश करना ही पड़ेगा, वरना अगली बार केवल नियम नहीं, भरोसा भी टेक-ऑफ से पहले गिर सकता है।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. इंडिगो की फ्लाइट्स इतनी ज्यादा क्यों रद्द हुईं?
DGCA के नए FDTL नियमों के कारण पायलट और क्रू की उपलब्धता अचानक कम हो गई।
Q2. DGCA ने किस तरह की राहत दी है?
वीकली रेस्ट और छुट्टी को जोड़ने की अनुमति और नाइट ड्यूटी में छूट दी गई है।
Q3. यात्रियों को रिफंड मिलेगा या नहीं?
सरकार ने एयरलाइंस को पूरा रिफंड देने और होटल-खाने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
Q4. हालात कब तक सामान्य होंगे?
इंडिगो के मुताबिक 10 से 15 दिसंबर तक उड़ानें सामान्य होने की उम्मीद है।
Conclusion
इंडिगो ने वर्षों तक भरोसे की उड़ान भरी, लेकिन इस बार सिस्टम की थकान साफ दिखी। DGCA की मंशा सही थी—सुरक्षा पहले—लेकिन क्रियान्वयन में चूक भारी पड़ गई। राहत फिलहाल पट्टी है, इलाज नहीं।
अगर समय रहते स्टाफ भर्ती और प्लानिंग नहीं हुई, तो अगली बार रद्द सिर्फ फ्लाइट नहीं, यात्रियों का भरोसा भी होगा।
