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बेगूसराय में STF और जिला पुलिस का बड़ा एनकाउंटर: कुख्यात बदमाश शिवदत्त राय घायल, भारी मात्रा में हथियार बरामद

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HIGHLIGHTS
  1. बेगूसराय में STF और पुलिस ने एनकाउंटर में बदमाश शिवदत्त राय को पकड़ा।
  2. मौके से हथियार, कैश और कफ सिरप बरामद।
  3. सरपंच के बेटे की हत्या मामले में आरोपी था शिवदत्त राय।
  4. नई सरकार के बनते ही पुलिस एक्शन मोड में।

बिहार में नई सरकार बनते ही माहौल कुछ ऐसा हो गया है जैसे किसी टीवी सीरियल में नया विलेन आते ही पुलिस अचानक याद कर ले कि उन्हें काम भी करना है। Friday night को Begusarai में STF और जिला पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन में एक बड़ा police encounter किया। Crime और Law & Order से जुड़ी यह घटना सोशल मीडिया और लोकल मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई है।

पहली ही लाइन में बात साफ कर दें—ये कोई फिल्मी सीन नहीं था, लेकिन घटना सुनकर ऐसा ही लग रहा है कि डायरेक्टर ने स्क्रिप्ट में मसाला कम नहीं रखा।


एनकाउंटर की रात: गोलियों की गूंज और भागते बदमाश

बेगूसराय के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र में STF को एक इनपुट मिला था कि फरार बदमाश शिवदत्त राय, जो सरपंच के बेटे की हत्या का आरोपी है, वहां हथियार खरीदने आया है। STF ने पूरी तैयारी के साथ घेराबंदी की। जैसे ही पुलिस ने इलाके में कदम रखा, अपराधियों ने फिल्मी अंदाज़ में बिना “Ready steady go” बोले सीधे गोलियां बरसा दीं।

कौन-कौन मौजूद था?

विभाग भूमिका
STF ऑपरेशन लीड
जिला पुलिस स्थानीय क्षेत्र कंट्रोल
बदमाश भागना और गोली चलाना
जनता दूर से तमाशा और डर

बदमाशों की ओर से लगभग 6-7 राउंड फायरिंग की गई, जबकि पुलिस ने जवाब में 3 राउंड चलाईं। गोलीबारी के बाद पांच बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए। लेकिन, एक बदमाश न जुगाड़ लगा पाया, न दौड़ पाया।


कुख्यात बदमाश शिवदत्त राय गिरफ्तार, जांघ में गोली

27 वर्षीय शिवदत्त राय, जो बेगूसराय के तेघड़ा थाना क्षेत्र के बनहारा गांव का रहने वाला है, भागते हुए घायल हुआ और पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उसकी जांघ में गोली लगी और अब उसका इलाज बेगूसराय सिविल हॉस्पिटल में पुलिस सुरक्षा में चल रहा है।

पुलिस उसकी स्थिति के बारे में ज्यादा खुलासा नहीं कर रही, लेकिन जनता कह रही है—”अब तो बेटा जेल में News टाइप लिखेगा: मेरी जिंदगी, मेरी कहानी!”


मौके से क्या मिला?

शिवदत्त की निशानदेही पर एक घर में रेड की गई जहां से भारी मात्रा में सामग्री बरामद हुई।

बरामदगी सूची:


पुराना केस: सरपंच के बेटे की हत्या

2022 में एक वीभत्स घटना में धनकौल पंचायत की सरपंच मीना देवी के घर पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी। इस हमले में उनके छोटे बेटे अवनीश की मौत हुई और बड़े बेटे रजनीश घायल हुए।

शिवदत्त और उसके गिरोह पर इस मामले में FIR दर्ज हुई थी, लेकिन यह फरार था, फिर गाजियाबाद से गिरफ्तार हुआ और फिर बेल पर बाहर आया। लेकिन बाहर आने के बाद उसने फिर वही पुराना स्टाइल अपनाया — यानी अपराध।

कहावत याद आ रही है:
“चोर चोरी से जाए, लेकिन कुकर्म से नहीं।”


नई सरकार, नए निर्देश और नए तेवर

गृह मंत्रालय संभालते ही सम्राट चौधरी ने साफ कहा था:

“बिहार अपराधियों के लिए नहीं है। अपराधियों को यहां से बाहर जाना होगा।”

ऐसा लग रहा है कि पुलिस यह लाइन दिल पर लेकर फीलिंग में काम कर रही है।

DGP विनय कुमार ने सभी जिलों की पुलिस को संगठित अपराध की परिभाषा बदलने का आदेश दिया है। अब छोटी घटनाएं भी बड़े अपराध की श्रेणी में शामिल होंगी। यानी अब चोर अगर दो बिस्किट भी चुरा ले, तो पुलिस उसे पूछेगी —
“Single gang में हो या पूरा organization चलाते हो?”


ग्राउंड रिएक्शन: जनता खुश, अपराधी परेशान

बिहार में इस एनकाउंटर के बाद दो प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं:


लोगों की प्रतिक्रियाएँ (थोड़ी मज़ेदार):


पूरी घटना का टाइमलाइन

समय घटना
शाम STF को इनपुट मिला
रात STF और पुलिस पहुंची
कुछ ही मिनटों में गोलीबारी शुरू
ऑपरेशन एंड शिवदत्त घायल, बाकी भागे
अगला कदम पूछताछ और आगे गिरफ्तारी

क्या आगे होगा?

पुलिस अब फरार बदमाशों की तलाश में है। कई टीमों को इलाके में लगाया गया है। हथियारों के सोर्स और नेटवर्क की जांच हो रही है।

बहुत संभव है कि आने वाले कुछ हफ्तों में और भी ऑपरेशन हों और पुलिस यही मोड में रहे:
“ज्यादा बोले तो गोली पड़ेगी।”


FAQ

Q1. शिवदत्त राय कौन है?
एक कुख्यात अपराधी, सरपंच के बेटे की हत्या मामले में आरोपी।

Q2. क्या पुलिस को हथियार मिले हैं?
हाँ, भारी मात्रा में हथियार, कैश और कफ सिरप बरामद हुए।

Q3. क्या और गिरफ्तारियां होंगी?
हाँ, पुलिस जांच कर रही है और बाकी बदमाशों की तलाश जारी है।

Q4. क्या यह सरकार बनने के बाद पहला बड़ा ऑपरेशन है?
हाँ, यह सरकार के बाद पुलिस का पहला हाई-प्रोफाइल एनकाउंटर है।


निष्कर्ष

पूरी घटना साफ दिखाती है कि बिहार में नई सरकार के बाद प्रशासन सख्त मोड में है। STF और जिला पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि अपराध और अपराधी अब बख्शे नहीं जाएंगे। जनता उम्मीद कर रही है कि यह सिर्फ शुरुआत हो और आने वाले समय में बिहार सुरक्षित हो।

अपराधी जगत इस समय दो शब्द बोल रहे हैं —
“Bihar taila nahi, jaila hai.”

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