- सबसे क्लोज CCTV फुटेज सामने आया, चलती i20 कार में धमाका दर्ज।
- ब्लास्ट साइट से 300 मीटर दूर कटा हुआ हाथ मिला, Forensic जांच जारी।
- डॉ. उमर नबी का DNA मैच, कार में मौजूद होने की पुष्टि।
- पुलिस को संदिग्ध सिल्वर ब्रेज़ा और एक और कार यूनिवर्सिटी कैंपस से मिली।
बात है दिल्ली के दिल लाल किला के पास हुए उस भयानक ब्लास्ट की, जिसकी गूंज ने देश को हिला कर रख दिया।
एक सादा-सा ट्रैफिक सिग्नल, 20 गाड़ियाँ लाइन में, और कुछ सेकंड बाद अचानक आग का गोला… कहानी किसी थ्रिलर फिल्म जैसी लगती है, लेकिन दुर्भाग्य से यह वास्तविक घटना है।
सबसे क्लोज CCTV फुटेज ने खोली बड़ी परतें
एक छोटा-सा 10 सेकेंड का वीडियो पूरे केस की दिशा बदलने के लिए काफी साबित हुआ। फुटेज में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास का सिग्नल साफ दिख रहा है, जहाँ करीब 20 गाड़ियाँ रुकी थीं।
गजब की बात यह कि जैसे ही सिग्नल ग्रीन हुआ और गाड़ियाँ आगे सरकने लगीं, उसी क्षण चलती i20 कार में जोरदार धमाका हो गया।
आसपास की कई गाड़ियाँ ऐसे उड़ीं जैसे किसी ने खिलौनों को हवा में उछाल दिया हो। लोग बाद में कह रहे थे—
“ट्रैफिक में फंसे रहना शायद पहली बार जान बचाने वाला साबित हुआ!”
आग की लपटें इतनी तेज थीं कि सिग्नल पर खड़े बाइकर्स तक अपनी नज़रें मोड़ने के लिए मजबूर हो गए।
ब्लास्ट के दो दिन बाद मिला कटा हुआ हाथ—सस्पेंस गहरा हुआ
घटना के ठीक दो दिन बाद जांच टीमों को एक और चौंकाने वाला सबूत मिला। ब्लास्ट पॉइंट से लगभग 300 मीटर दूर न्यू लाजपत नगर मार्केट की एक दुकान के शेड पर एक कटा हुआ हाथ पड़ा मिला।
फॉरेंसिक टीम ने पल भर में मौके पर पहुँचकर हाथ को उठाया और जांच के लिए भेज दिया। यह वो मोड़ था जहाँ केस सीधा हाई-प्रोफाइल हो चुका था।
संदिग्ध कारों की तलाश—सिल्वर ब्रेज़ा पर सबसे ज्यादा नजरें
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि इस ब्लास्ट में सिर्फ एक कार नहीं, बल्कि आतंकियों के पास दो गाड़ियाँ थीं।
अब पुलिस ने जिन दो कारों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया था, उनमें से एक की तलाश सिल्वर ब्रेज़ा के रूप में सामने आई। इसे लेकर दावा था कि आतंकियों ने इसी का इस्तेमाल लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए किया था।
फिर अचानक हरियाणा के खंदावली गाँव से खबर आई—
“एक लावारिस कार मिली है!”
और क्या हुआ?
NSG का बम स्क्वाड मौके पर पहुँच गया, क्योंकि भाईसाहब, अब किसी को रिस्क लेने का मूड नहीं था।
गाड़ी एक ऐसे घर के पास मिली जो उमर के ड्राइवर की बहन का निकला। कहानी यहीं से और दिलचस्प होने लगी।
डॉ. उमर नबी — DNA रिपोर्ट ने सब तय कर दिया
जांच टीमों ने कार से कई चीजें बरामद की थीं:
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दांत
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हड्डियाँ
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खून लगे कपड़े
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और पैरों का हिस्सा जो एक्सीलेटर व स्टीयरिंग व्हील के बीच फंसा था
जब DNA रिपोर्ट आई, तो साफ हो गया कि ये सब डॉ. उमर नबी का था। यानी ब्लास्ट के वक्त कार वही चला रहा था।
धमाके में कुल 13 लोग मारे गए और कई घायल हुए। गुरुवार सुबह एक और घायल ने दम तोड़ा और आंकड़ा बढ़ गया।
सरकार ने माना—यह टेरर अटैक था
बुधवार की कैबिनेट मीटिंग में केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर इसे आतंकी हमला घोषित कर दिया।
यानी अब जांच की दिशा और भी सख्त व गहरी होनी तय थी।
डॉक्टरों का आतंक मॉड्यूल — तीन बड़े खुलासे
कई गिरफ्तारियों, मोबाइल डंप डेटा और पूछताछ के बाद जांच एजेंसियों ने तीन बड़े खुलासे किए।
1. जनवरी में लाल किले की रेकी की गई थी
मोबाइल डेटा ने खोला—
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डॉ. मुजम्मिल गनी
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और डॉ. उमर नबी
दोनों ने जनवरी में कई बार लाल किले की सुरक्षा और भीड़ के पैटर्न को समझने के लिए रेकी की थी।
शक यह भी जताया गया कि इनका प्लान 26 जनवरी पर अटैक करने का था, जो पूरा नहीं हो सका।
2. 6 दिसंबर को हमला करना था
पूछताछ में 8 आरोपियों ने बताया कि यह हमला 6 दिसंबर को प्लान किया गया था।
लेकिन मुजम्मिल गनी की गिरफ्तारी से प्लान गड़बड़ा गया।
इस मॉड्यूल की खास बात ये कि इसमें शामिल 6 लोग डॉक्टर हैं। जी हाँ, ओटी छोड़कर TNT!
साथ ही डॉ. निसार नाम का एक संदिग्ध अभी फरार है, और वह डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर का अध्यक्ष भी रह चुका है।
3. खाद की बोरियों में विस्फोटक रखे जा रहे थे
मुजम्मिल गनी पड़ोसियों को कहता था कि ये बोरियाँ खाद की हैं और कश्मीर भेजनी हैं।
लेकिन जब पुलिस ने कमरे की तलाशी ली, तो मामला ही अलग निकला।
किराए के कमरे के ठीक 100 मीटर दूर CCTV लगे थे। पुलिस ने फुटेज सील कर लिए।
तालिका: केस से जुड़े मुख्य लोग और भूमिका
| नाम | भूमिका / आरोप | वर्तमान स्थिति |
|---|---|---|
| डॉ. उमर नबी | मुख्य संदिग्ध, कार चला रहा था | मृत, DNA मैच |
| डॉ. मुजम्मिल गनी | विस्फोटक जुटाना, प्लानिंग | गिरफ्तार |
| डॉ. निसार | फरार संदिग्ध | तलाश जारी |
| डॉ. शाहीन सईद | कथित कार मालिक, मॉड्यूल लिंक | जांच जारी |
अल-फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस से मिली एक और कार — कहानी और उलझी
फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से पुलिस को एक और ब्रेज़ा कार मिली। दावा था कि इसे डॉ. शाहीन खुद चलाती थीं।
अब यूनिवर्सिटी भी इस केस के केंद्र में आ चुकी थी।
पूरे मामले की क्रमवार घटनाएँ
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CCTV फुटेज सामने आया
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ब्लास्ट में 13 मौतें
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कटा हुआ हाथ मिला
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पुलिस ने दो कारों की तलाश शुरू की
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हरियाणा में संदिग्ध गाड़ी मिली
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डॉक्टरों का मॉड्यूल उजागर
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अल-फलाह से दूसरी कार बरामद
FAQ
1. क्या CCTV फुटेज असली है?
हाँ, यह वही फुटेज है जिसे पुलिस ने आधिकारिक सबूत के तौर पर जांच में इस्तेमाल किया है।
2. क्या ब्लास्ट एक दुर्घटना थी?
नहीं, केंद्र सरकार ने इसे आधिकारिक तौर पर आतंकी हमला घोषित कर दिया है।
3. क्या सभी आरोपी डॉक्टर हैं?
नहीं, लेकिन मॉड्यूल में शामिल 6 लोग डॉक्टर बताए गए हैं।
4. क्या संदिग्ध निसार को पकड़ा गया?
नहीं, वह अभी तक फरार है।
निष्कर्ष
लाल किला ब्लास्ट सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक संगठित और लंबे समय से चल रही साजिश का नतीजा था।
CCTV फुटेज से लेकर बरामद कारों, कटा हुआ हाथ, DNA रिपोर्ट और डॉक्टरों के मॉड्यूल तक—हर परत खोलते ही कहानी और गहरी होती चली गई।
देश की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियाँ लगातार काम कर रही हैं और उम्मीद यही है कि जल्द ही इस केस से जुड़े बाकी चेहरे भी सामने आ जाएँगे।
कभी-कभी लगता है कि दुनिया में डॉक्टरों की इतनी कमी है, और जो हैं उनमें से कुछ ऐसे “एक्सप्लोसिव” लोग निकल आते हैं कि सिर पकड़ना पड़ जाए।
लेकिन यह मामला सिर्फ मज़ाक का नहीं—यह एक गंभीर चेतावनी है कि आतंक अब किसी भी चेहरे, किसी भी पेशे के पीछे छिप सकता है।
