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बिहार में नीतीश कुमार के बिना NDA सरकार का नया राजनीतिक फॉर्मूला, क्या BJP बनाएगी अपना पहला मुख्यमंत्री?

nda government without nitish bihar politics बिहार में नीतीश कुमार के बिना NDA सरकार का नया राजनीतिक फॉर्मूला, क्या BJP बनाएगी अपना पहला मुख्यमंत्री?

बिहार की राजनीति इस वक्त सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है और लोग बार-बार “Bihar election updates” जैसा कीवर्ड सर्च कर रहे हैं। चाय की दुकानों से लेकर कॉलेज कैंटीन तक, हर जगह सिर्फ एक ही चर्चा—क्या BJP अब नीतीश कुमार को हटाकर अपना खुद का मुख्यमंत्री बनाएगी? यह सवाल इतना वायरल हो गया है कि लोग अब रिजल्ट से ज्यादा चीफ मिनिस्टर की चेयर में इंटरेस्ट ले रहे हैं। बिहार की राजनीति कभी सीधी नहीं रही, ये वैसे ही है जैसे पकोड़े की खुशबू देखकर डाइट प्लान याद आ जाए।


📌 नया समीकरण: NDA सरकार बिना नीतीश

बिहार में इस बार ऐसा राजनीतिक गणित सामने आया है, जो पहले कभी नहीं दिखा। पहली बार स्थिति ऐसी बन रही है कि NDA बिना JDU के नेता यानी नीतीश कुमार के भी सरकार बना सकता है।

रुझानों के मुताबिक सीटें इस तरह दिख रही हैं:

इन सबको जोड़कर NDA बिना JDU के 122 सीटें पूरी कर लेता है—और बहुमत के लिए भी उतनी ही जरूरी हैं।

यानी नंबर गेम कह रहा है:
Thank you, Nitish, but हम खुद संभाल लेंगे।


📍 सीटों का गणित (तालिका)

पार्टी सीटें (रुझान के अनुसार)
बीजेपी 91
जदयू 80
LJP(R) 22
HAM 5
RLM 4
बहुमत की सीमा 122

📌 क्या बीजेपी अपना सीएम बनाएगी?

यह सवाल पूरे बिहार में हिट हो चुका है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि BJP चाहे तो इस राजनीतिक स्थिति को पूरी तरह अपने पक्ष में मोड़ सकती है।

राजनीतिक विश्लेषकों की राय सुनिए—
(और कृपया ध्यान रहे, ये लोग Google Search की तरह भरोसेमंद नहीं, लेकिन चर्चित जरूर हैं):

🗣️ एक्सपर्ट 1: प्रो. प्रमोद कुमार

“BJP जोड़-तोड़ में माहिर है। नीतीश अगर अलग होते हैं तो भाजपा कांग्रेस, लेफ्ट और बसपा के विधायकों को साथ मिलाकर और नंबर मजबूत कर सकती है।”

ये लाइन पढ़कर ऐसा लगता है जैसे राजनीति नहीं PUBG चल रहा हो—
“Squad expand कर लो और जो सामने आए उसे भर्ती कर लो।”


🗣️ एक्सपर्ट 2: प्रियदर्शी रंजन

“भाजपा के लिए 8–10 विधायकों का इंतजाम करना कोई बड़ी चुनौती नहीं है। अगर अब BJP अपना मुख्यमंत्री नहीं बनाती तो गलत होगा।”

उनका कहना है कि NDA सीट शेयरिंग समझौते से ही संकेत था कि BJP इस प्लान के साथ आगे बढ़ रही थी।


📌 BJP का स्टैंड: सस्पेंस और बयान बदलते हुए

अमित शाह के इंटरव्यूज़ इस चुनाव में सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा शेयर हो रहे हैं। लोग कह रहे हैं—

“सर कभी कहते हैं नीतीश ही सीएम होंगे, कभी कहते हैं देखेंगे।”

कुछ बयान देखिए:

ये बयान पढ़कर लोग बोले—

“भैया ये इंटरव्यू नहीं, भावनाओं का रोलर कोस्टर है।”


📌 अगर नीतीश महागठबंधन में जाते हैं तो?

नीतीश कुमार की पहचान है—

“जहां राजनीति वहां संभावना!”

कई बार ऐसा लगा है कि वे 4G कनेक्शन से भी तेज़ राजनीतिक दिशा बदल लेते हैं।

लेकिन इस बार नंबर उन्हें मौका नहीं दे रहे।

संभावित गठबंधन सीटें:

पार्टी सीटें
JDU 80
RJD 26
कांग्रेस 4
लेफ्ट 5
अन्य 6

कुल: 121 सीटें — बहुमत से एक सीट कम

बिहार में राजनीति में आंकड़ा 1 कम हो तो वह राजनीति नहीं, कॉमेडी बन जाता है।


📌 भविष्य की तीन संभावनाएं

संभावित विकल्प मौका असर
BJP अपना CM बनाती है सबसे ज्यादा बिहार का राजनीतिक अध्याय बदलेगा
NDA फिर से नीतीश को सीएम रहने देती है कम संभावना BJP सपोर्ट में मगर अंदर राजनीति
कोई बड़ा राजनीतिक उलटफेर थोड़ा लेकिन बिहार में कुछ भी संभव

📌 जनता की प्रतिक्रिया

बिहार के लोग रुझान देखकर तीन तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं:

और कुछ लोग बस पकोड़े तलते हुए टीवी देख रहे हैं।


FAQs

Q1: क्या BJP बिना नीतीश कुमार के सरकार बना सकती है?
हाँ, वर्तमान सीटों के अनुसार बहुमत पूरा हो रहा है।

Q2: नीतीश कुमार क्या महागठबंधन में जा सकते हैं?
थ्योरी है, लेकिन नंबर इसका समर्थन नहीं कर रहे।

Q3: क्या बिहार में नया मुख्यमंत्री BJP दे सकती है?
परिस्थितियों के अनुसार यह बहुत संभव है।

Q4: क्या राजनीतिक खरीद-फरोख्त होगी?
एक्सपर्ट्स कहते हैं—संभावना है।


निष्कर्ष

बिहार का सियासी परिदृश्य इस वक्त बेहद दिलचस्प मोड़ पर है। NDA के भीतर BJP की मजबूती और JDU की भूमिका में बदलाव ने राजनीति का चेहरा बदल दिया है। पहली बार ऐसा लग रहा है कि नीतीश कुमार सरकार में रहें या न रहें—सरकार फिर भी बन जाएगी।

राजनीति में कहा जाता है—

“कुर्सी स्थायी नहीं होती, समीकरण स्थायी होते हैं।”

इस चुनाव ने यह बात फिर साबित कर दी है।

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