भारत ने आखिरकार वो कर दिखाया जो पिछले 47 सालों से अधूरा सपना बनकर रह गया था। साल 1978 से लेकर 2025 तक टीम इंडिया की महिला ब्रिगेड एक भी ICC ट्रॉफी नहीं जीत पाई थी। मगर इस बार, नवंबर की ठंडी शाम को, जब जोहान्सबर्ग के मैदान में भारतीय खिलाड़ी नीले रंग में लिपटे सपनों के साथ उतरीं, तो इतिहास लिख दिया गया।
- भारत ने साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहला विमेंस वनडे वर्ल्ड कप जीता।
- 47 साल बाद भारत को मिली पहली ICC ट्रॉफी।
- दीप्ति शर्मा बनीं ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’, 22 विकेट और 215 रन।
- शेफाली वर्मा ने सबसे कम उम्र में फाइनल में हाफ सेंचुरी लगाई।
टीम ने साउथ अफ्रीका को फाइनल में 52 रन से हराकर पहली बार Women’s ODI World Cup 2025 अपने नाम कर लिया।
भारत की यह जीत सिर्फ क्रिकेट मैच नहीं थी, यह उन 47 सालों का इमोशनल सफर था, जिसमें कभी झूलन की रफ्तार, कभी मिताली की शांति, और कभी हरमन की आक्रामकता ने उम्मीदों को ज़िंदा रखा।
दीप्ति शर्मा – गेंद और बल्ले से कमाल
भारत की ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने इस टूर्नामेंट में जो प्रदर्शन किया, वह किसी फिल्म की सुपरहिट स्क्रिप्ट से कम नहीं था।
22 विकेट झटककर वे टूर्नामेंट की टॉप विकेट-टेकर बनीं। इसके साथ ही उन्होंने 215 रन भी जोड़े, और इसी के साथ वे बनीं दुनिया की पहली महिला खिलाड़ी, जिसने एक ही वर्ल्ड कप में 200+ रन और 20+ विकेट दोनों लिए।
| आंकड़ा | दीप्ति शर्मा |
|---|---|
| कुल विकेट | 22 |
| रन | 215 |
| औसत | 19.3 |
| अवॉर्ड | प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट |
दीप्ति का कहना था – “बस एक सपना था – भारत के लिए ट्रॉफी उठाने का। अब वो पल आ गया।”
उनकी मुस्कान और ट्रॉफी साथ में कैमरे में कैद हुई तो पूरा देश टीवी स्क्रीन पर झूम उठा।
शेफाली वर्मा – सबसे कम उम्र की ‘फाइनल हीरोइन’
क्रिकेट में अक्सर कहा जाता है कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। शेफाली वर्मा ने यह बात सच साबित कर दी।
सिर्फ 21 साल 278 दिन की उम्र में उन्होंने फाइनल में 87 रन ठोके और भारत को बड़ा स्कोर खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई।
वो बनीं विमेंस वर्ल्ड कप फाइनल में हाफ सेंचुरी लगाने वाली सबसे युवा खिलाड़ी।
उनकी पारी में जोश था, आत्मविश्वास था, और थोड़ी सी ‘दिल्ली वाली निडरता’ भी।
मैच के बाद शेफाली ने कहा,
“मम्मी ने कहा था बेटा फाइनल में छक्का लगाना… मैंने दो लगा दिए!” 😄
उनकी यह बात सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
स्मृति मंधाना – निरंतरता की मिसाल
स्मृति मंधाना ने पूरे टूर्नामेंट में बल्ले से जलवा बिखेरा।
उन्होंने 9 मैचों में 434 रन बनाए और बनीं वर्ल्ड कप की सेकंड टॉप स्कोरर।
पहले नंबर पर रहीं साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ट, जिन्होंने 571 रन बनाए।
| खिलाड़ी | देश | रन | मैच |
|---|---|---|---|
| लौरा वोल्वार्ट | साउथ अफ्रीका | 571 | 9 |
| स्मृति मंधाना | भारत | 434 | 9 |
| हरमनप्रीत कौर | भारत | 331 (नॉकआउट्स में) | 4 |
मंधाना ने भारत के लिए वर्ल्ड कप के एक एडिशन में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया, मिताली राज को पीछे छोड़ते हुए (409 रन, 2017)।
उनकी शांत लेकिन घातक बैटिंग ने कई मौकों पर भारत को संकट से बाहर निकाला।
हरमनप्रीत कौर – कप्तान जिसने हार को जीत में बदला
हरमनप्रीत कौर का कप्तानी अंदाज़ कुछ अलग ही है। वो मैदान में गरजती हैं, पर ड्रेसिंग रूम में बच्चों की तरह हंसती हैं।
टीम के मुश्किल हालात में उन्होंने हमेशा “दिल से कप्तानी” की है।
इस वर्ल्ड कप में उन्होंने नॉकआउट मैचों में 331 रन बनाए — यह विमेंस वनडे वर्ल्ड कप इतिहास में सबसे ज्यादा है।
उनका कहना था –
“टीम ने कभी हार नहीं मानी। हम 3 मैच हारकर भी उठे, क्योंकि हमारी मंज़िल ट्रॉफी थी, बहाना नहीं।”
भारत का सफर – उतार-चढ़ाव से भरी कहानी
टीम इंडिया ने टूर्नामेंट में कुल 9 मैच खेले।
शुरुआत उम्मीदों के साथ हुई, फिर बीच में 3 हार झेलनी पड़ी।
लेकिन भारतीय टीम ने जैसे ही लय पकड़ी, फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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4 मैच जीते
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4 हारे
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1 बेनतीजा रहा
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और फिर सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीम को हराकर फाइनल में धमाकेदार एंट्री मारी।
यह जीत सिर्फ स्कोरकार्ड पर नहीं, दिलों में भी दर्ज हो गई।
फाइनल मैच की झलक – 298 का तूफ़ान
भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 7 विकेट पर 298 रन बनाए —
जो विमेंस वर्ल्ड कप फाइनल इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है।
ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड (2022 में 356 रन) अब भी टॉप पर है, लेकिन भारत का यह स्कोर ‘इमोशनल हाइट’ पर जरूर टॉप में है।
स्कोरकार्ड स्नैपशॉट:
| बल्लेबाज़ | रन | गेंदें | स्ट्राइक रेट |
|---|---|---|---|
| शेफाली वर्मा | 87 | 95 | 91.57 |
| स्मृति मंधाना | 63 | 78 | 80.76 |
| हरमनप्रीत कौर | 52 | 54 | 96.29 |
| ऋचा घोष | 36 (2 सिक्स) | 24 | 150.00 |
फिर गेंदबाज़ी में दीप्ति, शेफाली और पूनम यादव ने साउथ अफ्रीका की लाइनअप को 246 पर समेट दिया।
भारत ने मैच 52 रन से जीता और इतिहास का सबसे सुनहरा अध्याय लिखा।
साउथ अफ्रीका की लौरा वोल्वार्ट – हारीं मगर छा गईं
साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ट भले ही ट्रॉफी न जीत सकीं, पर उन्होंने वर्ल्ड कप इतिहास में कई रिकॉर्ड तोड़े।
वो बनीं विमेंस वर्ल्ड कप के एक सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी (571 रन)।
साथ ही, सेमीफाइनल और फाइनल दोनों में शतक लगाने वाली दूसरी खिलाड़ी भी बनीं — उनसे पहले यह कारनामा एलिसा हीली (ऑस्ट्रेलिया) ने किया था।
वोल्वार्ट ने अब तक 14 बार 50+ स्कोर बनाए, जो कि एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
मिताली राज (13 बार) अब दूसरे स्थान पर हैं।
ऋचा घोष – सिक्सर क्वीन
भारत की ‘सिक्सर गर्ल’ ऋचा घोष ने पूरे टूर्नामेंट में 12 सिक्स जड़े।
उन्होंने वेस्टइंडीज की डिएंड्रा डॉटिन और साउथ अफ्रीका की लिजेल ली का रिकॉर्ड बराबर किया।
फाइनल में उनके दो सिक्स तो ऐसे लगे कि बॉल स्टेडियम के बाहर कार पार्किंग में जाकर गिरी —
कमेंटेटर ने कहा, “That ball needs a passport!” 😂
भारत के टॉप-13 रिकॉर्ड्स एक नजर में
| क्रम | रिकॉर्ड | खिलाड़ी / विवरण |
|---|---|---|
| 1 | पहली ICC ट्रॉफी | भारत |
| 2 | सेकेंड टॉप स्कोरर | स्मृति मंधाना (434 रन) |
| 3 | टॉप विकेट टेकर | दीप्ति शर्मा (22 विकेट) |
| 4 | सबसे बड़ा फाइनल स्कोर (298 रन) | भारत |
| 5 | फाइनल में यंगेस्ट फिफ्टी | शेफाली वर्मा |
| 6 | फाइनल में भारत की सबसे बड़ी पारी | शेफाली वर्मा (87 रन) |
| 7 | एक एडिशन में सबसे ज्यादा रन (भारत) | मंधाना (434 रन) |
| 8 | नॉकआउट में सबसे ज्यादा रन | हरमनप्रीत (331 रन) |
| 9 | सबसे ज्यादा सिक्स | ऋचा घोष (12) |
| 10 | एक सीजन में भारत की हाईएस्ट विकेट टेकर | दीप्ति शर्मा (22 विकेट) |
| 11 | सबसे ज्यादा रन (वर्ल्ड कप सीजन) | लौरा वोल्वार्ट (571 रन) |
| 12 | एक वर्ल्ड कप में दो शतक (SF + Final) | लौरा वोल्वार्ट |
| 13 | सबसे ज्यादा 50+ स्कोर | लौरा वोल्वार्ट (14 बार) |
टीम इंडिया का सेलिब्रेशन – डांस, तिरंगा और आँसू
मैच खत्म होते ही भारतीय ड्रेसिंग रूम में जश्न का माहौल था।
शेफाली और ऋचा ने डांस किया, दीप्ति ने हरमन को गले लगाया,
और मंधाना के चेहरे पर मुस्कान थी, जैसे कोई सपना पूरा हुआ हो।
हरमन ने ट्रॉफी उठाई और आसमान में उड़ते कंफ़ेटी के बीच तिरंगा लहराया —
वो पल हर भारतीय के लिए ‘गूजबम्प्स मोमेंट’ बन गया।
फैंस बोले – “अब बारी पुरुषों की!”
सोशल मीडिया पर फैंस ने लिखा –
“अब लड़कियों ने दिखा दिया, अब लड़कों की बारी है 2027 में!” 😄
हर तरफ सिर्फ एक ही नाम गूंज रहा था – Team India Women Champions!
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1: भारत ने आखिरी बार कौन सी ICC ट्रॉफी जीती थी (पुरुष या महिला)?
➡️ पुरुष टीम ने 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। महिला टीम ने अब पहली बार ICC ट्रॉफी जीती है।
Q2: भारत की सबसे सफल खिलाड़ी कौन रहीं?
➡️ दीप्ति शर्मा – 22 विकेट, 215 रन, प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट।
Q3: शेफाली वर्मा की उम्र कितनी है और उन्होंने कितना स्कोर किया?
➡️ 21 साल 278 दिन की उम्र में उन्होंने फाइनल में 87 रन बनाए।
Q4: वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन किसने बनाए?
➡️ साउथ अफ्रीका की लौरा वोल्वार्ट – 571 रन।
निष्कर्ष (Conclusion)
भारत की यह जीत सिर्फ एक क्रिकेट ट्रॉफी नहीं, बल्कि उस सपने की पूर्ति है जो 47 साल पहले शुरू हुआ था।
हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है जिसने हाथ में बल्ला उठाने का हौसला दिखाया।
अब जब भारत के पास यह चमचमाती ट्रॉफी है, तो एक बात साफ़ है —
“अब मैदान में बेटियाँ किसी से कम नहीं, और हर बॉल पर इतिहास लिखने को तैयार हैं।”